प्रागैतिहासिक काल ( pragaitihasik kal ) का क्या अर्थ है |

प्रागैतिहासिक का अर्थ ( pragaitihasik kal ka arth )  :-  उस समय को या उस काल को जिसके बारे में कोई भी लिखित विवरण उपलब्ध नहीं है। उस समय या उस काल को प्रागैतिहासिक काल कहते है।  जिस काल का लिखित विवरण उपलब्ध है उस समय को इतिहास कहते है। इस प्रकार हम प्रागैतिहासिक काल को समक्ष सकते है।तथा आद्य ऐतिहासिक काल उस काल को कहते जिसका विवरण उपलब्ध है लेकिन उनकी लेखक कला को हम पढ़ नहीं सकते है। इस कारण से उन्हें आद्य ऐतिहासिक काल कहते है।

पुरापाषाण काल में आग का आविष्कार हुआ और नवपाषाण काल में पहिये का आविष्कार हुआ था मनुष्य ने सबसे पहले कुत्ते को पालतू पशु बनाया था ।

पूर्व पाषाण युग में मानुष्य की जीविका का मुख्य आधार केवल शिकार करना था  ज्ञानी मानव या जिसे हम होमोसैपियंस के नाम से जानते है। इसका धरती पर आगमन आज से लगभग तीस या चालीस हजार बर्ष पूर्व हुआ था मनुष्य ने सर्वप्रथम तॉबा धातु का उपयोग किया था ।

मनुष्य के द्वारा सर्वप्रथम बनाया जाने वाला औजर कुल्हाड़ी था। और कृषि का आविष्कार नवपाषाणकाल में हुआ  इसके साथ प्रागैतिहासिक काल में अन्न उत्पाद स्थल मेहरगढ़  पश्चिमी बलूचिस्तान में स्थित था इसमें  भारत में अधिकाश औजार स्फटिक के बने थे । कृषि के लिए अपनाई गई सबसे प्राचीन फसल गेहूँ एवं जौ की थीयह फसल ही पहली फसल के रुप में जानी जाती है। भारत में मनुष्य संबंधी सबसे पहला प्रमाण नर्मदा घाटी में मिला है। भारत में सबसे प्राचीन नगर मोहन जोदड़ों था इसका सिंधी भाषा में इसका अर्थ है।  मृतकों का टीला कहा जाता है। 

1. पुरापाषाण काल

2. मध्यपाषाण काल

3. नवपाषाण काल 

1. पुरापाषाण काल :-    इस काल में मानव की जीविका  मुख्य शिकार रहा था तब आदि मानव शिकार कर अपना पेट भरता था उसके बाद उसने धीरे-धीरे पत्थरों को आपस में टकरा कर आग का आविष्कार किया जिससे वह मांस को या अपने कोई भी खाद्य पदार्थ को कच्चा खाने के बजाय पकाकर खाने लगा । आग की खोज पुरापाषाण काल में ही हुई थी।

2. मध्यपाषाण काल :-  जब पुरापाषाण काल खत्म होने लगा और नवपाषाण काल की शुरूआत होने वाली थी तो इन दो कालों के बीच का समय मध्य पाषाण काल के नाम से जाना जाता है। इसमें मनुष्य का मुख्य जीवन शिकार पर आधारित था लेकिन मनुष्य धीरे-धीरे कृषि एवं पशुूपालन की ओर आकर्षित होने लगा था।

3. नवपाषाण काल :- इस काल में मनुष्य ने कृषि का आविष्कार किया उसने अपनी पहली फसल के रुप में गेहूँ एवं जौ को उत्पन्न किया था इसके बाद वह पहिए का आविष्कार करता है। पहिए का आविष्कार करने से उसका जीवन और भी आसान बन जाता है। इससे वह पालतू पशुओ को अपने पास रखने लगे थे इससे उनकी जीविका में दिनों दिन सुधार आता चला गया था।

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