दीनानाथ का समास विग्रह ( Dinanath ka samas vigrah ) नीचे दिया गया है |
शब्द | समास विग्रह | समास |
---|---|---|
दीनानाथ | दीनों का नाथ | तत्पुरुष समास |
प्रश्न— दीनानाथ का समास विग्रह क्या है ? |
उत्तर— दीनों का नाथ |
प्रश्न – दीनानाथ में कौन-सा समास है ?
उत्तर – तत्पुरुष समास
प्रश्न – तत्पुरुष समास की परिभाषा बताइये ?
उत्तर – जिस समास में बाद का या आखिरी का अथवा उत्तरपद प्रधान होता है तथा दोनों पदों के बीच का कारक चिन्ह लुप्त हो जाता है उसे तत्पुरुष समास कहते है। जैसे – दीनानाथ, दीनों का नाथ ।
यहाँ पर उत्तरपद प्रधान है ,इसलिए यह तत्पुरुष समास है।
प्रश्न – समास किसे कहते है?
उत्तर – दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से नये शब्द बनाने की प्रक्रिया को समास कहते है।
प्रश्न – समास-विग्रह किसे कहते है?
उत्तर – जब समस्त पदो को अलग-अलग किया जाता है। तो उसे समास-विग्रह कहते है। पहला पद पूर्वपद कहा जाता है। और दूसरा पद उत्तरपद कहा जाता है। तथा इन दोनो का समास से बना नया शब्द समस्त पद कहलाता है।
प्रश्न – समास के कितने भेद होते है?
उत्तर – समास के कुल छ: भेद होते है-
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वंद्व समास
- बहुव्रीहि समास
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